कलम का कलाकार हूँ
लेकिन...
मेरी इस कलाकारी का
कभी-कभार सौदा हो जाता है
कलम के सौदागर
इस बाज़ार में भरे पड़े हैं
जो गाहे- बगाहे
ऐसी सौदेबाज़िया करते rahte हैं
आप कहेंगें
मैं कितना बेशर्म हूँ
लेकिन क्या करूँ
अपने और अपनों के लिए
बेशर्मी दिखानी पड़ती है...
लेकिन...
मेरी इस कलाकारी का
कभी-कभार सौदा हो जाता है
कलम के सौदागर
इस बाज़ार में भरे पड़े हैं
जो गाहे- बगाहे
ऐसी सौदेबाज़िया करते rahte हैं
आप कहेंगें
मैं कितना बेशर्म हूँ
लेकिन क्या करूँ
अपने और अपनों के लिए
बेशर्मी दिखानी पड़ती है...