लोगों को मुझसे शिकायत है
कि मैं गम नहीं
सिर्फ ख़ुशी बांटता हूँ
अब इस शिकायत का
मैं क्या ज़वाब दूँ ?
मैं कैसे लोगों को समझाउं
कि ये मैं किसी उद्येश्य के लिए नहीं
और न ही ये काम...
किसी लक्ष्य को साधने के लिए करता हूँ
मैं कैसे उन्हें समझाउं कि
ये तो शायद उपरवाले ने
मुझसे कहा है कि
तुम तो सिर्फ ख़ुशी बाँटने के लिए
पैदा हुए हो
गम बाँटने का काम तो
मैंने किसी और को दे रखा है
और इसी को उपरवाले की इक्षा समझ
मैं लोगों में गम नहीं
सिर्फ ख़ुशी बांटता हूँ
और इसी काम को
अपने जीवन की परम साधना समझता हूँ
इसीलिए शायद
लोगों को मुझसे शिकायत है
कि मैं गम नहीं
सिर्फ ख़ुशी बाँटता हूँ...
कि मैं गम नहीं
सिर्फ ख़ुशी बांटता हूँ
अब इस शिकायत का
मैं क्या ज़वाब दूँ ?
मैं कैसे लोगों को समझाउं
कि ये मैं किसी उद्येश्य के लिए नहीं
और न ही ये काम...
किसी लक्ष्य को साधने के लिए करता हूँ
मैं कैसे उन्हें समझाउं कि
ये तो शायद उपरवाले ने
मुझसे कहा है कि
तुम तो सिर्फ ख़ुशी बाँटने के लिए
पैदा हुए हो
गम बाँटने का काम तो
मैंने किसी और को दे रखा है
और इसी को उपरवाले की इक्षा समझ
मैं लोगों में गम नहीं
सिर्फ ख़ुशी बांटता हूँ
और इसी काम को
अपने जीवन की परम साधना समझता हूँ
इसीलिए शायद
लोगों को मुझसे शिकायत है
कि मैं गम नहीं
सिर्फ ख़ुशी बाँटता हूँ...
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