Tuesday, March 16, 2010

कलम का सौदा

कलम का कलाकार हूँ
लेकिन...
मेरी इस कलाकारी का
कभी-कभार सौदा हो जाता है

कलम के सौदागर
इस बाज़ार में भरे पड़े हैं
जो गाहे- बगाहे
ऐसी सौदेबाज़िया करते rahte हैं

आप कहेंगें
मैं कितना बेशर्म हूँ
लेकिन क्या करूँ
अपने और अपनों के लिए
बेशर्मी दिखानी पड़ती है...

2 comments:

  1. आप कहेंगें
    मैं कितना बेशर्म हूँ
    लेकिन क्या करूँ
    अपने और अपनों के लिए
    बेशर्मी दिखानी पड़ती है...

    अपनो के लिये बेशर्म होना कोई बुरी बात नहीं । सच हैं ।

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  2. Ek kasak hai aapki rachanaonme...seedhe saral alfaaz!

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